साल 1995 में ज़ी टीवी पर आने वाले सीरियल 'हम पांच' को शायद ही कोई भूल पाए. महिलाओं के गैंग वाले इस पहले सीरियल को खूब दर्शक मिले. आपको बता दें कि पांच लड़कियों वाले परिवार की अतरंगी कहानी को लेकर जब धारावाहिक शुरू करने का आइडिया एकता को आया तो मां शोभा कपूर और पिता जीतेंद्र ने इस आइडिया को तुरंत हां कह दिया.
1995 में शुरू हुआ वो सफ़र फिर जो शुरु हुआ तो एकता कपूर टीवी की क्वीन बन गईं और भारत के सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले धारावाहिकों को उन्होंने प्रोड्यूस किया.
आज एकता का जन्मदिन है और 43 साल की उम्र में वो 40 से ज़्यादा टीवी धारावाहिक और फ़िल्मों को प्रोड्यूस कर चुकी हैं.
वैसे तो एकता के नाम पर 20 से ज़्यादा हिट धारावाहिक हैं, लेकिन ये 5 धारावाहिक वो हैं जिन्होंने एकता को टीवी की क्वीन बना दिया.
हम पांच (1995)
ज़ी टीवी पर आने वाले इस धारावाहिक की ख़ास बात थी कि इस धारावाहिक में कोई मेल हीरो नहीं, बल्कि पांच लड़कियां थी जो हीरो की जगह को पूरी करती थी. माथुर परिवार की पांच लड़कियां जिनमें से एक टॉमब्वॉय काजल भाई है, तो एक मिस व्लर्ड बनने का ख्वाब देखने वाली स्वीटी. पांच बेटियों के बीच फंसा एक पिता कैसे बेबस हो जाता था, दर्शकों को लुभा गया और ये धारावाहिक 1999 तक चला.
क्योंकि सास भी कभी बहू थी (2000)
सास बहू के धारावाहिकों की लीग की शुरुआत इस धारावाहिक के साथ एकता ने ही की थी. स्मृति ईरानी को लेकर तुलसी के ऐसे किरदार को एकता ने रच दिया था कि उसे ख़त्म करना उनके लिए मुश्किल हो गया था. साल 2001 से 2005 तक इस धारावाहिक ने सर्वश्रेष्ठ धारावाहिक का इंडियन टेलिविज़न अकादमी अवॉर्ड जीता था. 8 सालों तक चले इस धारावाहिक के 1800 से ज़्यादा एपिसोड दिखाए गए और आज भी इसके किरदार कालजयी हैं.
कसौटी ज़िंदगी की (2001)
साल 2001 में शुरू हुआ ये धारावाहिक एकता के सास-बहू धारावाहिक की लीगेसी को और बड़ा बना गया. श्वेता तिवारी को इस धारावाहिक से एकता ने सुपरस्टार बना दिया था. 1483 एपिसोड तक चले इस धारावाहिक में अनुराग और प्रेरणा की कहानी घर घर में लोकप्रिय हो गई थी और अंत में दोनों किरदारों को ख़त्म करने पर ही इस धारावाहिक को ख़्तम किया जा सका था.
कहानी घर घर की (2000)
सास भी कभी बहू थी के साथ ही शुरू हुआ धारवाहिक कहानी घर घर की और अभिनेत्री साक्षी तंवर के करियर को ये धारावाहिक आसमान में ले गया. एक आदर्श बहू कैसे अपने घर की छोटी छोटी परेशानियों से जूझती है और पूरे परिवार को जोड़ कर रखती है, सिर्फ़ इसी कहानी पर ये धारावाहिक आठ सालों तक चलता रहा. एकता ने भारतीय दर्शकों की नब्ज़ पकड़ ली थी और 'सास बहू' काल शुरु हो चुका था.
नागिन (2015)
वैसे तो इस बीच में ये हैं मोहब्बतें, पवित्र रिश्ता और कुसुम जैसे कई धारावाहिक हैं जो एकता के सफलतम धारावाहिक माने जा सकते हैं. लेकिन उन सभी का प्लॉट लगभग एक जैसा था. नागिन इसलिए ख़ास है क्योंकि एकता ने इस धारावाहिक से अपने सेट पैटर्न को तोड़ा और दर्शकों को फ़ैंटेसी दी. साल 2015 में लॉन्च हुए इस धारावाहिक का अब दूसरा सीज़न शुरु हो गया है और सास बहू के बाद नाग नागिन ट्रेंड शुरु करने का श्रेय भी एकता को ही जाता है. एकता के इस शो की एक ख़ास बात ये भी है कि इसकी टीआरपी आज तक पहले तीन स्थानों से नीचे नहीं आई.
कुल मिलाकर एकता को टीवी के मामले में 'मिदास टच' हासिल है और वो जिस प्लॉट को छू लेती हैं, वो सोना हो जाता है. हालांकि फ़िल्मों के मामले में वो इतनी लकी नहीं रही क्योंकि 'वंस अपॉन ए टाईम इन मुंबई', 'डर्टी पिक्चर'और 'क्या कूल हैं हम' जैसी फ़िल्मों को छोड़ दें तो एकता की फ़िल्में फ्लॉप ही रही हैं.
भले ही एकता के धारावाहिकों को 'भाभी जी घर पर हैं', 'बेहद' और 'कपिल शर्मा' जैसे धारावाहिकों से टक्कर मिल रही है, लेकिन इस पर भी आप इस बात से इंकार नहीं कर सकते की टीवी की क्वीन एकता ही हैं.
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