पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उतार - चढ़ाव के समाधान को लेकर काम कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि वह पेट्रोल और डीजल को आम जनता की पहुंच से बाहर जाने नहीं देंगे. पेट्रोल और डीजल के दाम के रिकार्ड स्तर पर पहुंचने के लिये तेल , रुपये की विनिमय दर में उतार - चढ़ाव तथा स्थानीय करों को जिम्मेदार ठहराया.
सरकार की चार साल की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देने के लिये बुलाये गई प्रेस वार्ता में प्रधान ने कहा कि सरकार इसको लेकर संवेदनशील है और सुनिश्चित करेगी कि गरीब , मध्यम वर्ग को तकलीफ नहीं हो. ‘‘हम मसले से निपटेंगे.’’ उन्होंने कहा , ‘‘सरकार स्थिति से निपटने के लिये समग्र रुख अपनाएगी ताकि पेट्रोलियम की कीमतें तकलीक नहीं दे. सरकार हर संभव कदम उठाएगी.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या इसके समाधानों में नियंत्रण मुक्त ईंधन कीमत व्यवस्था में कुछ बदलाव शामिल हैं , प्रधान ने कहा , ‘‘बिल्कुल नहीं. यह सवाल ही नहीं उठता. सरकार सुधारों की समर्थक है और हमने जो सुधार किया है , उससे पीछे हटने का सवाल नहीं है.’’ सरकार ने जून 2010 में पेट्रोल कीमत को नियंत्रण मुक्त किया और डीजल को अक्तूबर 2014 में. दैनिक आधार पर कीमत समीक्षा की मंजूरी पिछले साल जून में दी गयी.
उन्होंने कहा , ‘‘हम कीमतों को आम लोगों की पहुंच से बाहर नहीं जाने देंगे.’’ प्रधान ने इस बात से इनकार किया कि जो समाधान तलाशे जा रहे हैं ओएनजीसी जैसी तेल उत्पादक कंपनियों से कुछ बोझ उठाने को कहा जा सकता है ताकि ईंधन को कुछ सस्ता किया जा सके. उन्होंने कहा , ‘‘मैं उन समाधानों पर चर्चा नहीं कर सकता , जिस पर विचार किया जा रहा है.’’
प्रधान ने कहा कि मुद्रा योजना को कौशल विकास से सम्बद्ध करने के लिए एक रूपरेखा बनाई जा रही है. इसक तहत जुलाई सितंबर की तिमाही में एक लाख युवा लक्षित स्वरोजगार हासिल करेंगे.
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