नेपाल I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल के जनकपुर में 20वीं सदी के प्रसिद्ध जानकी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की. पीएम मोदी ऐसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने यह पूजा की. नेपाल की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर पहुंचे पीएम मोदी एयरपोर्ट से सीधे हिंदू देवी सीता के नाम पर बने जानकी मंदिर पहुंचे थे.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंदिर परिसर में मोदी का स्वागत किया. मंदिर में पीएम मोदी जिस वक्त पूजा कर रहे थे उस दौरान सीता और राम के भजन बजाए गए. जानकी मंदिर में षोडशोपचार पूजा केवल विशेष अतिथि ही करते हैं. इसमें तांत्रिक मंत्रोच्चार समेत 16 विधि-विधान से पूजा की जाती है.
पीएम मोदी ने जानकी मंदिर में विजिटर बुक में लिखा,‘जनकपुर धाम जाने की मेरी लंबे समय की इच्छा पूरी हो गई है. यह मेरे लिए इस तीर्थस्थल पर आने का एक यादगार अनुभव है जो नेपाल और भारत के लोगों के दिल में एक विशेष स्थान रखता है.’ हालांकि पीएम मोदी बुक में माता सीता (सिया) को गलती से 'सीया' लिख गए.
पीएम मोदी इसी गलती की वजह से अब विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं. कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा, 'पीएम जो सीता के नाम की दुहाई देते हैं वो पीएम सिया माता का नाम भी ठीक से नहीं लिख सकते?' उन्होंने कहा कि पड़ोसियों के साथ हमारी विदेश नीति कहां गई?
पीएम ने यहां नेपाल सरकार और जनकपुर के लोगों को उनके इस भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद दिया और शांति, स्मृद्धि और खुशी की कामना की. पीएम मोदी के स्वागत के लिए हजारों लोग जानकी मंदिर परिसर में पहुंचे थे.
जानकी मंदिर भगवान राम की पत्नी सीता का जन्म स्थान माना जाता है. सीता की याद में यह मंदिर 1910 में बनाया गया था. तीन तल वाला यह मंदिर पूरी तरह पत्थर और संगमरमर का बना हुआ है और यह मंदिर 4860 से अधिक वर्ग फुट में फैला हुआ है.
प्रधानमंत्री मोदी की नेपाल की यह तीसरी यात्रा है. प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व में इस वर्ष नई सरकार के गठन के बाद भारत की ओर से किया जाने वाला यह पहला उच्च स्तरीय दौरा है.
नेपाल के इस दौरे को अपनी सरकार की 'पड़ोसी सर्वप्रथम' नीति के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नेपाल एक नए युग में प्रवेश कर चुका है और भारत उसका साथ देना जारी रखेगा. बता दें कि पीएम मोदी ने अपनी नेपाल यात्रा से पहले कहा था कि विकास की तलाश में भारत इस हिमालयी राष्ट्र का एक मजबूत भागीदार बना रहेगा.
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