मध्य प्रदेश कांग्रेस इकाई के चीफ कमलनाथ ने बुधवार को बताया कि कांग्रेस समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने को तैयार है. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हालांकि अभी तक इस मामले में किसी भी पार्टी से बातचीत नहीं हुई है लेकिन जल्दी ही इस पर काम किया जाएगा.
अपनी बात को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा करने के पीछे मकसद ये है कि सेक्युलर वोट न बंटे. 2014 के चुनाव का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 31 फीसदी वोट मिले जबकि 69 फीसदी वोट बीजेपी के खिलाफ थे इसके बावजूद बीजेपी कह रही है कि उसे जनता का समर्थन मिला है.
कमलनाथ का ये बयान एचडी कुमारस्वामी द्वारा कर्नाटक पद की शपथ लिए जाने के एक दिन बाद आया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर परिस्थितियां अलग अलग होती हैं इसलिए 2019 के चुनाव को ध्यान में रखकर एलायंस बनाना चाहिए.
कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में समान विचारधारा वाली पार्टियां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी है लेकिन चूंकि समाजवादी पार्टी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वो सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसलिए उसके साथ एलायंस में दिक्कत आ सकती है.
यहां दो बातें खास हैं- पहली कि बीजेपी लगातार तीन बार से सत्ता में हैं इसलिए सत्ता विरोधी भावनाओं को भुनाने का कांग्रेस के पास पूरा मौका है, और अगर कांग्रेस ठीक तरह से ऐसा कर पाती है तो वो फिर से सत्ता पर काबिज़ हो सकती है. दूसरी बात कांग्रेस को-ऑर्डिनेट कमिटी के नए-नए बनाए गए अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और पूरी तरह से पार्टी के लिए ग्राउंड वर्क करेंगे.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो 31 मई से ओरछा के राजा राम लैंड से शुरू करके पूरे राज्य में पद यात्रा करेंगे. उन्होंने कहा कि उनका मुख्य काम बड़े नेताओं के बीच के मतभेदों को दूर करना होगा.
भले ही उनकी टीम के सदस्य सत्यव्रत चतुर्वेदी ने गुरुवार को उद्घाटन समारोह में भाग नहीं लिया फिर भी उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता अजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया व कमलनाथ ने भाग लिया था. कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि सत्यव्रत चतुर्वेदी अपने घर पर पूजा करने में व्यस्त थे इसलिए वो नहीं आ सके.
Post A Comment:
0 comments so far,add yours