कर्नाटक में धुआंधार चुनाव अभियान के बाद आखिर वोटिंग कुछ ही देर में शुरू होने वाली है. आज यानी शनिवार 12 मई को कर्नाटक की 222 सीटों पर मतदान होगा. वोटों की गिनती के लिए 15 मई की तारीख तय की गई है. 224 विधानसभा सीटों वाले राज्य में 2 सीटों पर मतदान स्थगित कर दिया गया है.
राज्य चुनाव पहले किए गए ज्यादातर ओपिनियन पोल सत्तारुढ़ कांग्रेस और बीजेपी को सत्ता के दो प्रबल दावेदार बता रहे हैं, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर (JDS) नतीजों के बाद किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है. कुछ पोल राज्य में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर आगे बढ़ता भी दिखा रहे हैं.
कर्नाटक में 4.98 करोड़ से अधिक मतदाता हैं जो 2600 से अधिक उम्मीदवारों के बीच से अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर सकेंगे. इन मतदाताओं में 2.52 करोड़ से अधिक पुरुष, करीब 2.44 करोड़ महिलाएं और 4,552 ट्रांसजेंडर शामिल हैं.
चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि राज्य में 55,600 से अधिक मतदान केंद्र बनाये गये हैं. कुछ सहायक मतदान केंद्र भी होंगे. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए 3.5 लाख से अधिक कर्मी चुनाव ड्यूटी पर तैनात होंगे.
राज्य में होगा हाईटेक चुनाव
सूत्रों ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में कुछ मतदान केंद्र संबंधित स्थान के पारंपरिक रूप में नजर आयेंगे. पहली बार कुछ चुनिंदा मतदान केंद्रों पर दिव्यांग कर्मचारी ड्यूटी पर होंगे. सूत्रों ने बताया कि लोग मोबाइल ऐप से मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतार की स्थिति के बारे में जान पायेंगे.
वैसे 1985 के बाद से कर्नाटक में कोई भी दल लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं आ पाया है. उस साल रामकृष्ण हेगड़े की अगुवाई में जनता दल फिर सत्ता पर काबिज हुआ था. कांग्रेस, पंजाब के बाद एकमात्र बड़े राज्य पर काबिज रहने के लक्ष्य पर केंद्रित है जबकि बीजेपी कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने के लिए जुटी हुई है.
सभी दलों ने किया जीत का दावा
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कर्नाटक पार्टी के लिए दूसरी बार दक्षिण में कदम रखने का द्वार होगा. बीजेपी ने सिर्फ एक बार 2008 से 2013 तक कर्नाटक में शासन किया था लेकिन उसका कार्यकाल पार्टी की अंदरुनी कलह और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा रहा था. उसके तीन मुख्यमंत्रियों में से एक और फिलहाल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी एस येदियुरप्पा भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में थे.
जनता दल सेक्युलर के अध्यक्ष एच डी कुमारस्वामी ने माना है कि उनकी पार्टी के लिए यह जीवन-मरण का सवाल है. जेडीएस फिलहाल एक दशक से सत्ता से बाहर है. उधर कांग्रेस को विश्वास है कि वह लगातार सत्ता में नहीं आने के चलन को तोड़ेगी और सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी पार्टी इस बार इतिहास रचेगी.
सिद्दारमैया ने ट्वीट किया, ‘मुझसे अक्सर कहा जाता है कि इतिहास मेरे खिलाफ है क्योंकि लंबे समय से कर्नाटक में कोई सरकार फिर ये नहीं चुनी गई. लेकिन हम यहां इतिहास रचने के लिए हैं, न कि उसका पालन करने के लिए.’
उधर, कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बीजेपी ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी कि इतिहास दोहराया जाए. वैसे बीजेपी ने ‘मिशन 150 सीट’ के साथ अपना अभियान शुरु किया था लेकिन शाह ने गुरुवार कहा कि पार्टी 130 से अधिक सीटें जीतेंगी.
कांग्रेस-बीजेपी का जोरदार प्रचार
साल 2013 के विपरीत बीजेपी इस बार एकजुट है. उस साल वह येदियुरप्पा की केजीपी, बी श्रीरामुलू की बीएसआर कांग्रेस जैसे धड़ों में बंटी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के लिए ताबड़तोड़ प्रचार किया जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी. साथ में सोनिया गांधी ने भी करीब 2 साल बाद चुनावी रैली में कांग्रेस के लिए वोट मांगे.
सिद्धारमैया समेत चार वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी के येदियुरप्पा शिकारीपुरा से, जेडीएस के कुमारस्वामी चेन्नापटना और रमनगारा से और बीजेपी के जगदीश शेट्टार हुब्बली धारवाड़ से चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं.
2 सीटों पर चुनाव स्थगित
राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों के लिए 12 मई मतदान होगा. एक सीट पर मतदान बीजेपी प्रत्याशी और वर्तमान विधायक बी एन विजयकुमार के निधन के चलते स्थगित कर दिया गया है. दूसरी आरआर नगर सीट पर मतदाता पहचान पत्र मिलने की शिकायत के बाद वोटिंग स्थगित कर 28 मई को कराने का ऐलान किया गया है.
साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस को कर्नाटक में 122 सीटें मिली थीं. बीजेपी और जेडीएस को 40-40 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कर्नाटक जनता पक्ष को 6, बडवारा श्रमिकारा रैयतरा को 4, कर्नाटक मक्कल पक्ष, समाजवादी पार्टी और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष को एक-एक सीटें हासिल हुई थीं और 9 निर्दलीय विजयी रहे थे.
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