पटियाला हाउस कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और कीर्ति आजाद को डीडीसीए मानहानि मामले में बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल और कार्ती आजाद के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. चेतन चौहान और डीडीसीए ने मिलकर केजरीवाल और आजाद पर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था. अरविंद और कीर्ति पर आरोप था कि उन्होंने अपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था.
दिल्ली डिस्ट्रिक एंड क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) और डीडीसीए के उपाध्यक्ष चेतन चौहान की मानहानि याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला लिया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भाजपा नेता कीर्ति आजाद के खिलाफ, दायर याचिका में यह कहा गया था कि एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में, अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि डीडीसीए में आर्थिक घपला समेत सेक्स रैकेट जैसे मामले सामने आए हैं.
याचिका में कहा गया था कि डीडीसीए खिलाड़ियों के चयन करने के बदले यौन संबंध बनाने की मांग करता है. इस बयान का कीर्ति आजाद ने सहमति जताई थी. डीडीसीए और चेतन चौहान ने केजरीवाल और कीर्ति आजाद दोनों मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. लंबे समय से अरविंद केजरीवाल इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं.
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