नई दिल्ली. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में कांग्रेस वर्किंग कमेटी नई बैठक के लिए तैयार है. यह बैठक लंबे समय से कांग्रेस (Congress) के अध्यक्ष पद के लंबित मुद्दे को लेकर बुलाई गई है. हालांकि, इसे 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारियों और मौजूदा सियासी उथल-पुथल पर चर्चा के रूप में दिखाया जा रहा है.
पार्टी के नए आक्रामक रूप और खासतौर से लखीमपुर खीरी में प्रियंका गांधी की गतिविधियों को लेकर बैठक का यह समय तय किया गया है. पार्टी को उम्मीद है कि यह नई आक्रामकता उसे कई संकटों से बाहर निकलने में मदद करेगी. इन संकटों में सबसे खास कांग्रेस के मुखिया के पद को माना जा रहा है. इस परेशानी को जल्द सुलझाने की मांग भी जोर पकड़ रही है. हाल ही में जी-23 समूह के अहम सदस्य कपिल सिब्बल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया था.
उन्होंने कहा था, ‘हम जानते हैं कि सारे फैसले कौन ले रहा है, लेकिन हम फिर भी नहीं जानते हैं.’ साफ है कि उनका इशारा राहुल गांधी की तरफ था, जो पार्टी नेताओं से मिलकर आखिरी फैसले ले रहे हैं. इस प्रेस वार्ता के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और नेता काफी असमंजस में नजर आए कि आखिर परेशानी होने पर वे किसका रुख करें. इसने ताकत के तीन केंद्र भी तैयार कर दिए हैं, जिनके मुखिया गांधी ही हैं.
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