श्रीनगर: घाटी में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन से आतंकी अब इस कदर बौखला गए हैं कि वो निहत्थे मजदूरों को निशाना बना रहे हैं. सेना का सामना करने में नाकाम आतंकियों ने फिर से टारगेट किलिंग शुरु कर दी है. रविवार शाम को आतंकियों ने एक बार फिर कायराना हरकत करते हुए दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में तीन मजदूरों को गोली मार दी.
इस हमले में दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि एक मजदूर बुरी तरह घायल है..तीनों मजदूर बिहार के रहने वाले हैं. घायल की पहचान चुनचुन ऋषि देव के तौर पर हुई है, मारे गए 2 मजदूरों का नाम राजा ऋषि देव और जोगिंदर ऋषि देव है. चश्मदीदों के मुताबिक आतंकियों ने घर में घुसकर मजदूरों को गोली मारी.
कश्मीर जोन पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘कुलगाम के वानपोह इलाके में आतंकवादियों ने गैर स्थानीय मजदूरों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं. इस आतंकवादी घटना में दो गैर स्थानीय लोग मारे गए और एक घायल हो गया.’’ इसमें कहा गया है कि पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है. अधिकारियों के मुताबिक आतंकवादी मजदूरों के किराए के मकान में घुस गए और उन पर अंधाधुंध गोलीबारी की.
शनिवार को भी हुई थी दो मजदूरों की हत्या
कुलगाम में दो मजूदरों की हत्या से एक दिन पहले यानि शनिवार को ही आतंकियों ने पुलवामा और श्रीनगर में हमलों को अंजाम दिया था. इन हमलों में भी दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी. आतंकी पहले सेना या पुलिस पार्टी पर छिप कर हमला करते थे लेकिन उन्हें ये बात अच्छी तरह मालूम है कि सुरक्षाबलों से सामना करने का मतलब मौत है. इसीलिए अब वो आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की और बिहार के मजदूरों की सुरक्षा पुख्ता करने की अपील की. नीतीश ने इस आतंकी हमले में मृत राजा ऋषिदेव और योगेन्द्र ऋषिदेव के निकटतम आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रूपये देने की घोषणा की है. साथ ही उन्होंने श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से मृतकों के परिजनों को नियमानुसार अन्य लाभ दिलाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने इस आतंकवादी हमले में घायल चुनचुन ऋषिदेव के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.
मजदूरों की मौत पर सियासत, बीजेपी ने महबूबा को बताया जिम्मेदार
मजदूरों की हत्या के मुद्दे ने सियासी बहस की बुनियाद भी डाल दी है. पहले उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे घाटी के पहली कतार के नेता लगातार हमलों के लिए केंद्र सरकार को घेर रहे थे. लेकिन अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम ने महबूबा मुफ्ती पर आतंकियों को उकसाने का आरोप लगा दिया है.
पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा, ''कश्मीर के लोकल नेता और विशेषकर महबूबा मुफ्ती इस तरह की माहौल के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि वो बयान दिए जा रही थी कि कश्मीर में मुस्लिमों के साथ भेदभाव हो रहा है. मुस्लिमों को मस्जिद और अजान के लिए नहीं जाने दिया जा रहा. उन्होंने यह भी बयान दिया था कि कश्मीर में डेमोग्राफीक चेंज हो रहा है....उनके इस तरह के बयान भी आज के माहौल के लिए जिम्मेदार हैं.''
विपक्षी नेताओं ने हमलों को दुखद बताया
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, "निर्दोष नागरिकों पर बार-बार होने वाले बर्बर हमलों की निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं. मेरी संवेदना उनके परिवारों के साथ है क्योंकि वे सम्मानजनक आजीविका कमाने के लिए अपने घरों से निकले हुए हैं. बहुत दुख की बात है."
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम वाई तारिगामी ने कहा कि अपनी आजीविका कमाने के लिए यहां आए निर्दोष मजदूरों की हत्या करना जघन्य अपराध है. उन्होंने कहा, "इसका उद्देश्य कश्मीर के लोगों के हितों को निशाना बनाना है और यह ऐसे समय में हो रहा है जब फसल कटाई का मौसम चल रहा है."
इस महीने 12 नागरिकों की गई जान, सेना का भी पलटवार
अलग-अलग आतंकी हमलों में इस महीने 12 नागरिकों की जान गई है. हालांकि सुरक्षाबलों ने नागरिकों पर हमला करने वाले तीन आतंकियों को मार गिराया है..दो की पहचान हो चुकी है और पुलिस ने दावा किया है कि उनका भी नंबर जल्दी ही आएगा. अक्टूबर का महीना काउंटर टेरेरिज्म ऑपरेशन के लिहाज से बेहद अहम रहा है. शुरुआती 16 दिनों में 13 एनकाउंटर हुए हैं...जिसमें 14 आतंकी ढेर हुए हैं.
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