दंपति ने फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह की पत्नी अदिति सिंह से कथित तौर पर धोखाधड़ी की थी। जांच एजेंसी ने दंपति की हिरासत की अवधि 11 दिन के लिए बढ़ाने का आग्रह किया था। न्यायाधीश ने कहा, रिकॉर्ड को देखने के बाद, मैंने पाया है कि अपराध से अर्जित धन की कड़ी को स्थापित करने और अन्य अभियुक्तों के बयानों से आरोपियों का सामना कराने के लिए, आरोपियों से हिरासत में और पूछताछ की आवश्यकता है। हालांकि, मुझे आरोपी लीना मारिया पॉल को 11 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजने का कोई आधार नहीं मिला है।
ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक अतुल त्रिपाठी द्वारा दायर आवेदन में दावा किया गया कि धनशोधन में मदद करने वाले अन्य लोगों की भूमिका तथा अन्य चीजों का पता लगाने के लिए आरोपियों से हिरासत में और पूछताछ किए जाने की आवश्यकता है। यह मामला अदिति सिंह की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया गया था। सिंह ने शिकायत में कहा था कि पिछले साल जून में एक व्यक्ति ने खुद को कानून मंत्रालय का वरिष्ठ अधिकारी बताकर उस समय जेल में बंद उसके पति को पैसे के बदले जमानत दिलाने में मदद करने की पेशकश की थी। शिविंदर सिंह को 2019 में रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) में धन की कथित हेराफेरी से संबंधित धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था।
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