कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अब मानहानि के मुकदमे का सामना करना पड़ेगा. एक स्थानीय मजिस्ट्रेट अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता की ओर से दायर मानहानि मामले में मंगलवार को आरोप तय कर दिए. राहुल गांधी दीवानी न्यायाधीश ए आई शेख के समक्ष पेश हुए.

न्यायाधीश ने उन पर लगाए गए आरोपों और शिकायतकर्ता राजेश कुंते के बयान को पढ़ कर सुनाया. न्यायाधीश ने आरोप पढ़ा , ‘‘आरोप के अनुसार आपने (गांधी) छह मार्च 2014 को भिवंडी में चुनाव के लिए आयोजित एक रैली में उस संगठन की छवि खराब की जिससे शिकायतकर्ता जुड़ा हुआ है.’’

उन्होंने कहा , ‘‘आपका भाषण , जो चैनलों में टेलीकास्ट हुआ और समाचारपत्रों में प्रकाशित हुआ , उसने याचिकाकर्ता और उसके संगठान की छवि को खराब किया है और इस तरह आपने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत अपराध किया है.’’ अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत पढ़ने के बाद न्यायाधीश ने उनसे पूछा, ‘‘क्या आप इन आरोपों को स्वीकार करते हैं?’’ इस पर गांधी ने जवाब दिया, ‘‘मैं दोषी नहीं हूं.’’

इसके बाद, अदालत ने इस मामले में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और धारा 500 (मानहानि के लिये दंड) के अंतर्गत् कांग्रेस नेता के खिलाफ आरोप तय करने की कार्यवाही शुरू की. आरोप तय करने की कार्यवाही पूरी करने के बाद अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिये 10 अगस्त की तारीख निर्धारित की.

धारा 500 के अंतर्गत, मानहानि का दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को साधारण कैद और जुर्माना या दोनो हो सकती है. कैद की सजा को दो साल तक बढ़ाया जा सकता है.


इससे पहले, राहुल गांधी सुबह 11 बजकर पांच मिनट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भिवंडी में मजिस्ट्रेट की अदालत पहुंचे जहां लोगों ने उनके समर्थन में नारे लगाए. उनके साथ महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण और पार्टी के अन्य नेता थे. अदालत की कार्यवाही के बाद राहुल गांधी दोपहर 12.15 बजे बाहल निकले. बाहर निकल कर उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह पुन अदालत आएंगे. उन्होंने कहा , ‘‘भाजपा और आरएसएस को मेरे खिलाफ जितने भी मामले दर्ज कराने हैं उन्हें करा लेने दीजिए. हमारी विचारधारा की लड़ाई है.हम लड़ेंगे और जीतेंगे.’’

कांग्रेस अध्यक्ष के वकील नारायण अय्यर और कुशल मोर ने कहा , ‘‘अगली सुनवाई में अदालत इस संबंध में कोई आदेश पारित कर सकती है कि याचिकाकर्ता ने जो दस्तावेज अथवा गांधी के भाषण का जो वीडियो सौंपा है उसे साक्ष्य के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है अथवा नहीं.’’ उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई में गांधी के अदालत में पेश होने की जरूरत नहीं है.
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