राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के शामिल होने के बाद से देश की सियासत में अटकलों का दौर जारी है. संघ के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी के शामिल होने के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. कोई इसे पूर्व राष्ट्रपति द्वारा कांग्रेस को संदेश देने की नजर से देख रहा है तो किसी को इसमें संघ की चाल नजर आ रही है. वहीं शिवसेना की मानें तो संघ प्रणब मुखर्जी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए बढ़ाने की तैयारी कर रहा है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, “हमें लगता है कि बीजेपी को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में आरएसएस प्रधानमंत्री पद के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का नाम आगे करने की तैयारी कर रहा है. किसी भी स्थिति में बीजेपी इस बार कम से कम 110 सीटों पर हारेगी.”
गौरतलब है कि आरएसएस के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी के जाने से कांग्रेस की नाराज़गी किसी से छिपी नहीं है. हालांकि कांग्रेस नेताओं ने खुलकर इस पर कुछ भी नहीं कहा, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति का यह कदम उनके लिए असहज करने वाला रहा. प्रणब मुखर्जी ऐसे वक्त में आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हुए, जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार आरएसएस पर निशाना साध रहे हैं. ऐसे में गांधी परिवार और मुखर्जी के बीच की खाई और गहरी होती नजर आ रही है.
वहीं कुछ राजनीतिक जानकार ऐसा भी मान रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) जैसी विपक्षी पार्टियां जो गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेस मोर्चे की तलाश में हैं, उनके लिए मुखर्जी प्रधानमंत्री का सर्वमान्य चेहरा हो सकते हैं. अब शिवसेना ने इस पर नया बयान देकर इशारा कर दिया है कि अगले आम चुनाव में प्रणब अहम भूमिका में हो सकते हैं.
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