नई दिल्ली I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद अपने दो दिवसीय चीन दौरे से वापस लौट आए हैं. यह पीएम मोदी की बीते 42 दिनों में दूसरी चीन यात्रा थी. वैसे भी पीएम मोदी का विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से ज्यादा विदेशी दौरे करने का रिकॉर्ड है. हालांकि मोदी के ये दोनों चीन दौरे खासा चर्चा का विषय बने हुए हैं.
चीनी विशेषज्ञ पीएम मोदी के इन दौरों को भारत-चीन के लिए नए युग की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं. वैसे भी कूटनीतिक लिहाज से इन दौरों की काफी अहमियत है. पीएम मोदी अप्रैल में अनौपचारिक दौरे पर चीन के वुहान पहुंचे थे और वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी.
अमूमन किसी राष्ट्राध्यक्ष के अनौपचारिक दौरे का कोई खास महत्व नहीं होता है, क्योंकि इसके एजेंडे में समझौता या करार शामिल नहीं होते हैं. पीएम मोदी के इस दौरे में भी ऐसा ही हुआ था, लेकिन इन सबके बावजूद यह दौरा अहम रहा. इसके जरिए पीएम मोदी ने सीमा पर तनाव कम करने और शांति बहाल करने की जमीन तैयार की. साथ ही SCO समिट के लिए बेहतर माहौल बनाया.
जब नौ जून को पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में हिस्सा लेने के लिए चीन के किंगदाओ शहर पहुंचे, तो इसका असर भी देखने को मिला. आइए जानते हैं कि पीएम मोदी के इस बार के चीन दौरे में क्या खास क्या रहा?
चीन ने ब्रह्मपुत्र, सतलुज नदियों पर डेटा साझा करना शुरू किया
मोदी के दौरे के दरम्यान चीन ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदी की हाईड्रोलॉजिकल (जल विज्ञान संबंधी) जानकारी भारत के साथ साझा करने पर राजी हुआ. इसको लेकर दोनों देशों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर भी हुई. अब तकरीबन एक साल के अंतराल के बाद चीन ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदी की हाईड्रोलॉजिकल जानकारी भारत के साथ साझा करेगा. जल संसाधन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि चीन ने 15 मई से ब्रह्मपुत्र नदी की जानकारी साझा करना शुरू कर दिया है, जबकि एक जून से सतलुज से संबंधित आंकड़े साझा किए जा रहे हैं.
नॉन बासमती चावल निर्यात करेगा चीन
मोदी और शी जिनपिंग की मौजूदगी में भारत और चीन के बीच चावल निर्यात-आयात को लेकर समझौता हुआ. इस समझौते में यह तय किया गया कि अब चीन भारत को नॉन बासमती चावल भी निर्यात कर सकेगा.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति से मिले मोदी
भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण संबधों के बीच शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने हाथ मिलाए और संक्षिप्त बातचीत की. हालांकि मोदी और हुसैन के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई.
SCO सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता
भारत इस सम्मेलन में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में पहली बार शिरकत किया. इस सम्मेलन से इतर मोदी ने एससीओ देशों के नेताओं के साथ कम से कम छह द्विपक्षीय बैठकें की. हालांकि उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रपित के साथ द्विपक्षीय बैठक नहीं की.
OBOR पर चीन को फिर दिखाया आइना
चीन काफी समय से अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना 'वन बेल्ट वन रोड' (OBOR) पर भारत को साधने का प्रयास कर रहा है, लेकिन उसको बार-बार विफलता का मुंह देखना पड़ता है. इस बार भी ऐसा ही हुआ और रविवार को SCO शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना का समर्थन करने से इनकार कर दिया. साथ ही चीन को पारदर्शिता बरतने और संप्रभुता का सम्मान करने की नसीहत भी दी.
चीनी राष्ट्रपति ने भारत आने का न्योता स्वीकार
मोदी के किंगदाओ पहुंचने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अगले साल भारत में वुहान जैसी अनौपचारिक वार्ता के निमंत्रण को स्वीकार किया. विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि साल 2019 में भारत में एक अन्य अनौपचारिक वार्ता के लिए राष्ट्रपति शी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यौते को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि अनौपचारिक बैठक की तारीख फिलहाल तय नहीं है.
आतंकवाद पर बिना नाम लिए पाकिस्तान पर साधा निशाना
चीन में SCO शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया . पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर करारे वार किए. पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने अफगानिस्तान को आतंकवाद के प्रभाव का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण बताया. पीएम मोदी जिस वक्त आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा कर रहे थे उस वक्त बैठक में रूस के राष्ट्रपति ब्लामिर पुतिन भी मौजूद थे.
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