गृह मंत्रालय ने कट्टरपंथ और इंटरनेट के जरिए फैल रहे आतंकवाद के मुद्दे पर बैठक की. केद्र सरकार के समक्ष इससे निपटने के लिए क्या चुनौतियां हैं इस मुद्दे पर चर्चा भी की गई. इस बैठक में इस बात का जिक्र किया गया कि किस तरह आतंकवादी कट्टरपंथ के जरिए युवाओं को भड़का रहे हैं और उन्हें कैसे सोशल मीडिया के जरिए नियंत्रित कर रहे हैं.

टेलीकॉम, पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली को सुधारने और इनमें बेहतर तालमेल बिठाने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई.  उन वेबसाइट्स को बंद करने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई कि जो आंतकवाद का समर्थन करते हैं. ऐसी वेबसाइटों की पहचान कर उन्हें भविष्य में ब्लॉक किया जाएगा.

बैठक में ऐसे वेबसाइट को ब्लाक करने के लिए आईटी एक्ट के तहत प्रभावी कदम उठाने पर भी चर्चा की गई. गृह मंत्रालय की इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि तय समयसीमा में ये कदम उठाए जाएंगे.

बैठक में इस बात की भी चर्चा हुई कि संबधित एजेंसियों के बीच इसे रोकने के लिए बेहतर समन्वय बनाया जाए जिसमें टेलीकाम डिपार्टमेंट, पुलिस व अन्य एजेंसी शामिल हैं. भविष्य में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के भी प्रतिनिधियों को इस बैठक में बुलाया जाएगा.



इस बैठक में पीएम मोदी की सुरक्षा को और मजबूत करने के निर्देश दिए गए, साथ ही उन्हें मारने की साजिश के तहत लिखी गई चिट्ठी पर भी गंभीर चर्चा की गई. गृह मंत्रालय ने जिन लोगों के पास से चिट्ठी बरामद हुई है उनके बारे में पूरी जानकारी मांगी है. इस संबंध में महाराष्ट्र पुलिस से इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी गई है.
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