विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन दिनों मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर हैं. शनिवार को मॉरीशस जाने के दौरान उनके प्लेन से एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) का कनेक्शन करीब 14 मिनट तक टूटा रहा. इस दौरान मॉरीशस ने प्लेन से संपर्क नहीं हो पाने का अलर्ट भी जारी कर दिया था. हालांकि, एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, कुछ देर बाद ही सुषमा स्वराज के प्लेन से दोबारा संपर्क हो गया.
एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक, समुद्र के ऊपर अगर 30 मिनट तक कोई कम्युनिकेशन नहीं होता है, तो ऐसा अलर्ट जारी किया जाता है. क्योंकि, ये वीवीआईपी फ्लाइट थी, इसलिए 14 मिनट में ही अलर्ट जारी कर दिया गया. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि पायलट ने मॉरीशस के हवाई क्षेत्र में होने के बावजूद मॉरीशस की एटीसी ये संपर्क नहीं किया था.
सुषमा स्वराज इंडियन एयरफोर्स के प्लेन IFC31 में सवार थीं. बाद में उनका प्लेन सुरक्षित मॉरीशस पहुंचा. वहीं, दूसरी तरफ विदेश मंत्रालय ने इस विषय में जानकारी होने की बात से इनकार किया है.
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर इसकी जानकारी दी है. एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक, सुषमा स्वराज के प्लेन ने त्रिवेंद्रम से शनिवार शाम 4 बजे टेक ऑफ किया था. एयरपोर्ट अथॉरिटी इंडिया ने बताया कि लोकल एटीसी ने इसे चेन्नई एफआईआर (फ्लाइट इन्फॉर्मेशन रीजन) को पास कर दिया. फिर चेन्नई ने मॉरीशस एफआईआर को इसकी जानकारी दे दी थी.
बता दें कि उड़ान के दौरान एक प्लेन कई एफआईआर में रहता है, जिससे वह उस उड़ान क्षेत्र के संपर्क में रहता है. एक बार जब अलार्म की आवाज आई, सभी लोग उस प्लेन को लेकर सतर्क हो गए, जिसके लिए वह अलार्म बजाया गया था. भारतीय एटीसी ने भी वीएचएफ के जरिये प्लेन से संपर्क करने की कोशिश की.
वीवीआईपी फ्लाइट होने के कारण मॉरीशस ने 'INCERFA' अलार्म का ऐलान किया, जिसका मतलब होता है अनिश्चितता. इसके बाद उन्होंने चेन्नई एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किया. विदेश मंत्री की फ्लाइट के लिए शाम करीब 4.44 पर अलार्म बजाया गया था और 4.58 पर उसके पायलट से संपर्क हो सका. जिसके बाद सभी अधिकारियों ने राहत की सांस ली.
पूरे मामले में एटीसी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, "अनियमित वीएचएफ कॉम्युनिकेशन की वजह से समुद्री इलाकों में इस तरह की समस्या अक्सर आती है. कभी-कभी पायलट मॉरिशस एरिया में संपर्क करने में सफल नहीं होते तो कभी भूल भी जाते हैं. समुद्री क्षेत्र में रेडार कवरेज नहीं है. ऐसे में सब कुछ वीएचएफ कम्युनिकेशन पर निर्भर है." बता दें कि जिन जगहों पर वीएचएफ कवरेज अच्छी नहीं है, उन्हें डार्क जोन कहा जाता है.
मॉरीशस पहुंच कर सुषमा स्वराज ने वहां के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ से मुलाकात की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच बैठक में भारत और मॉरीशस के बीच संबंध बढ़ाने पर चर्चा की गई. सुषमा ने मॉरीशस के अपने समकक्ष एस लुचमिनारईडो से भी मुलाकात की.
रविवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मॉरीशस से दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हो गईं. सुषमा यहां पांच दिन रहेंगी और इस दौरान देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगी.
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