नई दिल्ली I इस समय सभी की नज़र कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर है, लेकिन इस सभी के बीच 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होने की बात कही है, अब उनकी पार्टी भी उनके इस बयान के साथ खड़ी नज़र आ रही है. कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा है कि 2019 आम चुनाव में राहुल गांधी ही उनके प्रधानमंत्री उम्मीदवार होंगे.
बुधवार को अहमद पटेल ने कहा, ''हमारे पार्टी अध्यक्ष ने पहले ही बयान दे दिया है, अब ये इस पर निर्भर करता है कि किसे कितनी सीटें मिलती हैं. लेकिन हमारे उम्मीदवार राहुल गांधी ही होंगे.'' कांग्रेस नेता ने कहा कि ये सभी लोकसभा चुनाव के नतीजों पर ही निर्भर करेगा.
उन्होंने कहा कि ये राहुल गांधी का अहंकार नहीं है, वह कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं. अगर हमें बहुमत नहीं मिलता है तो गठबंधन की अन्य पार्टियों के साथ बातचीत कर इस पर फैसला किया जाएगा. अगर राहुल गांधी कहते कि वह प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, तो पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता.
PM मोदी पर किया वार
अहमद पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से ये तकनीक सीखी है कि किसी प्रोजेक्ट को बड़ा दिखाओ और ऐसा कहो कि विकास हो रहा है. लेकिन असलियत में कोई विकास नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि साबरमती फ्रंट, बुलेट ट्रेन, मेट्रो ट्रेन को विकास के नाम पर बेचा जा रहा है, लेकिन अगर आप गांव में देखेंगे तो कोई भी विकास नहीं है. आज सरकारी स्कूल भी बंद हो रहे हैं.
अहमद पटेल ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 115-120 सीटें जीतकर सत्ता में बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि "कांग्रेस कर्नाटक में स्पष्ट बहुमत हासिल करेगी, इसे लगभग 120 या इससे अधिक सीटें मिलेंगी. भाजपा 65 से अधिक सीटें प्राप्त करेगी."
शिवसेना ने किया राहुल का बचाव
कांग्रेस के अलावा कई अन्य पार्टियों की तरफ से भी राहुल गांधी के बयान पर टिप्पणी की गई है. केंद्र सरकार में बीजेपी की साथी शिवसेना का कहना है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा जाहिर करने का लोकतांत्रिक अधिकार है और किसी को भी इसका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए.
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को प्रधानमंत्री पद के लिए एक योग्य उम्मीदवार मानती है.
राउत ने कहा कि लोकतंत्र में राहुल गांधी को यह कहने का अधिकार है कि वह प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. किसी को भी इसका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए. मोदी इसी अधिकार के जरिए प्रधानमंत्री बने. उस वक्त (2014 में ) कई लोगों का यह रूख था कि लाल कृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए.
मांझी ने किया था विरोध
आपको बता दें कि इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी इस पर टिप्पणी कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि महागठबंधन में बिना आम सहमति के राहुल गांधी ऐसा कैसे कह सकते हैं. मांझी ने कहा कि परंपरा रही है कि सबसे बड़े दल का नेता प्रधानमंत्री बने, लेकिन गैर बीजेपी गठबंधन में मायावती, मुलायम और ममता भी प्रधानमंत्री उम्मीदवार हैं. इसलिए आम सहमति बनाना जरूरी है.
PM ने भी कसा है तंज
राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बयान पर पीएम मोदी ने भी टिप्पणी की. बुधवार को कर्नाटक में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता का बयान नामदार के अहंकार को दर्शाता है. कोई कैसे अपने आप को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सकता है. उन्होंने कहा कि ये ऐसे नामदार हैं जिन्हें अपने साथी नेताओं पर भी भरोसा नहीं है. जिनका अहंकार ही सातवें आसमान पर पहुंच गया हो, ऐसे 'Immature नामदार' को क्या देश की जनता स्वीकार करेगी.
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