मुंबई हमलों पर पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की टिप्पणी को लेकर पाकिस्तान के सियासी हलके में हड़कंप है. वहीं, पाकिस्तानी सेना में भी खलबली मची हुई है. यही कारण है कि नवाज के बयान को लेकर चर्चा के लिए पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है.
शरीफ ने पहली बार सार्वजनिक रूप से एक साक्षात्कार में माना कि पाकिस्तान में आतंकी संगठन सक्रिय हैं. उन्होंने 'सरकार से इतर तत्वों' के सीमा पार करने और लोगों की हत्या करने देने की पाकिस्तान की नीति पर सवाल उठाए थे. शरीफ ने कहा था कि क्या पाकिस्तान को 'सरकार इतर तत्वों' को सीमा पार करने और मुंबई में लोगों की 'हत्या करने' की अनुमति देनी चाहिए.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने टि्वटर पर कहा कि प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को उच्चाधिकार प्राप्त राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ( एनएससी ) की बैठक बुलाने का सुझाव दिया गया. एनएससी शीर्ष असैन्य तथा सैन्य नेतृत्व का मंच है जो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करती है. गत शुक्रवार को डॉन के साथ एक खास साक्षात्कार में शरीफ ने मुंबई हमलों से संबंधित मुकदमे को अंजाम तक पहुंचाने में किए जा रहे विलंब को लेकर भी आलोचना की थी.
मोदी की भाषा बोल रहे शरीफ: इमरान खान
बयान के चलते शरीफ को विपक्षी नेताओं तथा उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) से अलग हुए लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है. इन लोगों का कहना है कि शरीफ ने बयान देकर मुंबई हमलों में भारतीय रूख का समर्थन किया है और देश के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाया है. क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने कहा कि शरीफ (भारत के प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की भाषा बोल रहे हैं और देश को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान के दुश्मनों का समर्थन कर रहे हैं.
दुनिया टीवी ने खबर दी कि एक व्यक्ति ने शरीफ के खिलाफ देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज कराने के लिए चकवाल जिले की पुलिस से संपर्क किया है. इस बीच, नवाज शरीफ के छोटे भाई शाहबाज शरीफ ने कहा कि मीडिया ने पूर्व प्रधानमंत्री के बयान को गलत तरीके से पेश किया है. उन्होंने कहा, 'क्या कोई विश्वास कर सकता है कि नवाज शरीफ कोई ऐसी चीज कहेंगे.'
मेरे बयान की गलत व्याख्या की गई: शरीफ
वहीं, मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले पर अपने कबूलनामे को लेकर सभी वर्गों के निशाने पर आये पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने रविवार को दावा किया कि मीडिया ने उनकी टिप्पणियों की 'गलत व्याख्या' की. शरीफ ने एक साक्षात्कार में पहली बार सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया था कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं. उन्होंने सीमा पार करने तथा मुंबई में लोगों की 'हत्या' के लिये 'राज्य से इतर तत्वों' को अनुमति देने की नीति पर सवाल उठाया था. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री (68) ने कहा था कि पाकिस्तान ने खुद को अलग-थलग कर लिया है.
पाक मीडिया ने दुष्प्रचार को बल दिया
शरीफ के प्रवक्ता ने कहा, 'शुरू में भारतीय मीडिया ने नवाज शरीफ के बयान की गलत व्याख्या की. दुर्भाग्य से बयान के सभी तथ्यों को जाने बगैर पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया के एक वर्ग ने भी जानबूझकर या अनजाने में ना सिर्फ इसकी पुष्टि की बल्कि भारतीय मीडिया के दुष्प्रचार को बल दिया.'
सरकार कूटनीतिक कदम उठाए: कांग्रेस
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अपने देश में आतंकवादी समूहों की सक्रियता को लेकर स्वीकारोक्ति के बाद कांग्रेस ने आज सरकार से कहा कि वह भारत में आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान की संलिप्तता को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष रेखांकित करने के लिए कूटनीतिक कदम उठाये.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी आह्वान किया कि वह भारत में आतंकवादी गतिविधियां संचालित करने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार अब ऐसा करेगी और सुनिश्वित करेगी कि शरीफ ने जो कहा है, उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय संज्ञान में लेगा और पाकिस्तान के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा.
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