कर्नाटक में जेडीएस नेता कुमारस्वामी की ताजपोशी की तैयारियां पूरी हो चुकी है. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले जेडीएस नेता बुधवार की सुबह चामुंडी मंदिर जाकर माता के दर्शन पूजन के साथ आशीर्वाद लेंगे.
कुमारस्वामी 8.45 बजे चामुंडी हिल्स स्थित चामुंडी मंदिर जाएंगे और इसके बाद 12.30 बजे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड एयरपोर्ट बेंगलुरु पहुंचेंगे. कुमारस्वामी शाम को 4.30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
एचडी कुमारस्वामी के साथ कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष जी परमेश्वर डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे. विधानसभा के स्पीकर का पद भी कांग्रेस को मिला है, जबकि डिप्टी स्पीकर जेडीएस से होगा. इसके बाद गुरुवार को केआर रमेश कुमार को स्पीकर चुना जाएगा. कांग्रेस की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गई.
23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कुमारस्वामी 24 मई को विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे. विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के बाद कैबिनेट विस्तार किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक दोनों पार्टियों में कैबिनेट में जगह को लेकर भी बातचीत फाइनल हो गई है. कांग्रेस के 22 और जेडीएस के 12 विधायकों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है.
दूसरी ओर बीजेपी ने कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण का बॉयकॉट किया है. बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा गांधी प्रतिमा के साथ सुबह सवा ग्यारह बजे प्रदर्शन करेंगे. लेकिन इन सबके बीच कुमारस्वामी का शपथग्रहण समारोह विपक्ष की एकजुटता का ग्रैंड शो होने जा रहा है. हालांकि विपक्षी पार्टियों के दिग्गजों के बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव समारोह में शामिल नहीं होंगे.
ये नेता होंगे शामिल
समारोह में शामिल होने वाले विपक्ष के दिग्गजों नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी के अलावा बीएसपी प्रमुख मायावती, सपा नेता अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव, डीएमके नेता कनिमोझी समेत अन्य दिग्गज नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. कुमारस्वामी ने सभी क्षेत्रीय नेताओं को व्यक्तिगत तौर पर समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. बता दें कि तेजस्वी यादव और ममता बनर्जी शपथ ग्रहण में हिस्सा लेने के लिए पहले ही बेंगलुरु पहुंच गए हैं.
वीआईपी सीटों को लेकर खींचतान
वहीं, दूसरी ओर शपथ ग्रहण समारोह को देखने के लिए लगाई जाने वाली वीआईपी सीटों पर भी अधिक हिस्सेदारी के लिए दोनों पार्टियों में खींचतान चल रही है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों ने जोर दिया कि मंत्रिमंडल में उनकी पार्टी को वाजिब हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.
इन विधायकों का कहना था कि वो चुनाव में जेडीएस के साथ तीखी लड़ाई के बाद जीते हैं और अगर कांग्रेस के किसी मंत्री को बुधवार को शपथ नहीं दिलाई जाती है, तो ये उनके लिए असहज स्थिति होगी.
जेडीएस के तौर तरीकों से वाकिफ हैं कांग्रेस नेता
कर्नाटक की सत्ता में भागीदारी ही नहीं, कांग्रेस को शपथ ग्रहण समारोह को देखने के लिए लगने वाली करीब 6000 वीआईपी सीटों को लेकर भी चिंता है कि उसके खाते में कितनी सीटें आएंगी. कांग्रेस के राज्यस्तरीय नेता जेडीएस के तौर तरीकों का अच्छी तरह वाकिफ हैं.
सूत्रों के मुताबिक इन कांग्रेस नेताओं को लगता है कि कहीं जेडीएस अपने नेताओं के लिए अधिक सीटों पर कब्जा न कर ले. ऐसे में पर्याप्त संख्या में पार्टी नेताओं के लिए वीआईपी सीटें सुरक्षित कर पाने को लेकर भी कांग्रेस चिंतित है.
कर्नाटक विधान सौध परिसर में जेडीएस की ओर से ऐसे कई पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें उसके गठबंधन में बड़े पार्टनर होने का आभास होता है. मालूम हो कि कर्नाटक में येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अब जेडीएस के कुमारस्वामी कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने जा रहे हैं. वो बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान हुए थे, जबकि 15 मई को नतीजे आए थे. इसमें 104 सीटें जीतकर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि कांग्रेस को 78 सीटों और जेडीएस को 37 सीटों पर जीत मिली थी.
इस चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, जिसके चलते बीजेपी ने सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करके सरकार बना ली थी, लेकिन येदियुरप्पा विधानसभा में बहुमत साबित करने में विफल रहे. इसके बाद जेडीएस और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं. दोनों के कुल विधायकों की संख्या बहुमत से भी ज्यादा है.
Post A Comment:
0 comments so far,add yours