कर्नाटक में 12 मई को हुए विधानसभा चुनाव के बाद शुरू हुए राजनीतिक ड्रामे का अंत मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के साथ हो गया है. येदियुरप्पा ने सदन में बहुमत परीक्षण से पहले ही पर्याप्त संख्या नहीं होने का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया. वहीं जेडी (एस) नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें सरकार गठन के लिए आमंत्रित किया है. बुधवार को वो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाईवाला से मुलाकात करने के बाद कुमारस्वामी ने कहा, ''हमें पता है कि बहुमत साबित करने के लिए हमारे पास पर्याप्त विधायक हैं और सभी विधायक शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा होंगे. सभी से चर्चा के बाद मंत्रिमंडल का गठन किया जाएगा''.
शपथ समारोह में थर्ड फंड की आहट
कुमारस्वामी के शपथ समारोह में बीएसपी प्रमुख मायावती, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, सपा नेता अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम केसीआर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, डीएमके नेताओं, राजद नेता तेजस्वी यादव और आरएलडी नेता अजित सिंह को आमंत्रित किया गया है. कुमारस्वामी ने ये भी बताया कि उन्होंने पर्सनली राहुल गांधी और सोनिया गांधी को भी आने का न्योता दिया है.
राहुल गांधी का हमला
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा और कहा कि उम्मीद है कि उन्हें सबक मिल गया होगा कि संविधान, उच्च संस्थानों और देश की इच्छाशक्ति का अनादर नहीं किया जा सकता.
कर्नाटक का सियासी ड्रामा
कर्नाटक की राजनीति में बीते तीन दिन बेहद रोमांचक रहे. 15 मई को चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद कांग्रेस ने सरकार बनाने में जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. बुधवार को दोनों पक्षों ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया. राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया. इसके खिलाफ कांग्रेस से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. आधी रात को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि येदियुरप्पा को शपथ लेने से रोका नहीं जा सकता है, हालांकि कोर्ट ने शुक्रवार को येदियुरप्पा के समर्थन पत्र की कॉपी पेश करने को कहा . इसके बाद येदियुरप्पा ने गुरुवार को सीएम पद की शपथ ली. शपथ लेने के एक घंटे के अंदर ही येदियुरप्पा ने बेंगलुरु के ईगलटन रिसॉर्ट से सिक्योरिटी हटवा दी. इस रिसॉर्ट में कांग्रेस विधायकों को ठहराया गया था.
भावुक हुए येदियुरप्पा
सदन में इस्तीफा से पहले अपने भावुक भाषण में येदियुरप्पा ने कहा, "अगर मैं सत्ता छोड़ता हूं, तो भी मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा. मेरा जीवन जनता के लिए है."
अपने 15 मिनट के भाषण में 75 वर्षीय भाजपा नेता ने कहा कि ऐसा कोई रास्ता नहीं बचा था, जिससे कर्नाटक के लोगों की सेवा की जाए, क्योंकि कांग्रेस ने अपने विधायकों को उनके परिजनों से भी बातचीत करने नहीं दिया.
उन्होंने कहा, "पिछले पांच वर्षो में सैकड़ों किसानों ने यहां आत्महत्या की है. कांग्रेस भारत की आजादी के 70 वर्षो बाद भी किसानों के लिए सिंचाई का पानी उपलब्ध नहीं करा सकी. मेरा उद्देश्य अंतिम सांस तक किसानों की मदद करना है. मैं इसके अलावा दलितों, पिछड़े वर्गो, कमजोर वर्गो और गरीबों के लिए काम करता रहूंगा."
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