प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंसा से लोकतंत्र तक का सफर तय करने के लिए नेपाल की सराहना करते हुए कहा कि उसे सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाने में भारत शेरपा की भूमिका निभाने को तैयार है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनन्दन कार्यक्रम में दोनों देशों के विशेष संबंधों पर बल देते हुए लोकतंत्र के प्रति नेपाल की प्रतिबद्धता की भी प्रशंसा की. 

पीएम मोदी ने यहां कहा, 'नेपाल ने युद्ध से बुद्ध तक का लंबा सफर तय किया है. आपने लोकतंत्र की राह के लिए हिंसा छोड़ दी..  लेकिन यह मंजिल नहीं है. आपको लंबी दूरी तय करनी है.'
लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा , 'आप माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर तक पहुंच चुके हैं लेकिन मुख्य चढ़ाई अभी शेष है. जिस प्रकार शेरपा पर्वतारोहियों को एवरेस्ट फतह करने में बहुत अधिक मदद करते हैं, भारत उसी प्रकार नेपाल का शेरपा बनने के लिए तैयार है.'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि परिणाम देने के लिए नेपाल को चाहिए कि वह अपनी जरूरतों और प्राथमिकताओं को चिह्नित करे. उन्होंने कहा , 'विकास यात्रा में भारत कंधे से कंधा मिलाकर नेपाल की मदद करने को तैयारहै. आपकी सफलता में हमारी सफलता निहित है , आपकी खुशी में भारत की खुशी है.' उन्होंने कहा कि 'सबका साथ , सबका विकास' की नीति पूरे विश्व की बेहतरी के संदर्भ में प्रासंगिक है.
मोदी ने 2015 के विनाशकारी भूकंप के बाद देश के पुनर्निर्माण में साझा प्रयास के लिए नेपाली लोगों की सराहना की. उन्होंने संविधान के लिए भी उन्हें बधाई दी , जिसकी वजह से देश की राजनीति को नया आकार मिला है.



काठमांडू को अतीत और नवीनता का मिश्रण बताते हुए मोदी ने कहा कि यह शहर नेपाल की संस्कृति को दिखाता है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा , 'काठमांडू की खूबसूरती में कुछ अलग ही बात है. यह विशेष शहर है. विश्व के इतिहास के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण स्थान है.'

उन्होंने कहा कि काठमांडू को रेल नेटवर्क के जरिये भारत से जोड़ने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरू हो चुका है. मोदी ने अपनी भविष्य की यात्रा के दौरान गौतम बुद्ध के जन्मस्थान लुम्बनी जाने की इच्छा जाहिर की.

उन्होंने कहा , 'अपनी पिछली यात्रा के दौरान मुझे पशुपतिनाथ के दर्शन का सौभाग्य मिला था. इस बार मैं पशुपतिनाथ के साथ - साथ जनकपुर और मुक्तिनाथ भी गया. ये स्थान हमारे देशों के करीबी रिश्तों को रेखांकित करते हैं.'
उन्होंने अपने भाषण के अंत में तीन बार कहा कि नेपाल - भारत की मैत्री अमर रहेगी. इससे पहले काठमांडू के महापौर विद्या सुंदर शाक्य ने मोदी को शहर की सांकेतिक चाभी सौंपी. इसका सांकेतिक अर्थ यह है कि काठमांडू का द्वार उनके लिए हमेशा खुला रहेगा. मोदी को बुद्ध की 55 किलोग्राम की प्रतिमा सहित कई स्मृति चिन्ह दिये गए.
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