केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को कहा कि आगे बढ़ने की तमन्ना रखने वाला भारत हताश राजनीतिक दलों के अराजक गठजोड़ को स्वीकार नहीं करेगा. ये दल अगले आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ मिलकर लड़ने के लिए साथ आने का वादा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस साल बहस का राजनीतिक एजेंडा अब नरेंद्र मोदी बनाम 'अराजकतावादियों का गठजोड़' होगा.

जेटली ने फेसबुक पर लिखा है, "हताश राजनीतिक दलों का एक समूह साथ आने का वादा कर रहा है. उनके कुछ नेता तुनक मिजाज हैं. अन्य मौके के हिसाब से अपने विचारों को बदलते हैं. टीएमसी, द्रमुक, टीडीपी, बसपा और जनता दल (एस) जैसे उनमें से कइयों के साथ सत्ता में हिस्सेदारी करने का भाजपा को अवसर मिला. वे बार-बार अपने राजनीतिक रुख में बदलाव लाते हैं."

मंत्री ने कहा कि गतिशील लोकतंत्र के साथ आगे बढ़ने की तमन्ना रखने वाला कभी भी अराजकतावादियों को नहीं बुलाता. एक मजबूत देश और बेहतर राजकाज की जरूरतें अराजकता को पसंद नहीं करती. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल भाजपा के साथ 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में दो-दो हाथ करने के लिए एक गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

वह लिखते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोटाला मुक्त सरकार दी है और उनका पांचवें साल में जोर नीतियों और कार्यक्रमों को बेहतर बनाने का होगा. जेटली की इस महीने की शुरूआत में किडनी ट्रांसप्लॉट हुई थी और शनिवार को उन्हें आईसीयू से बाहर निकाला गया है.



उन्होंने कहा कि देश का मिजाज पिछले चार साल में निराशा से उम्मीद और आगे बढ़ने की आकांक्षा में तब्दील हुआ है.

जेटली ने कहा, "बेहतर राजकाज और अच्छे अर्थशास्त्र में अच्छी राजनीति का मिश्रण होता है. इसका नतीजा यह हुआ है कि भाजपा को आज ज्यादा भरोसा है. पार्टी का भौगोलिक आधार व्यापक हुआ है, सामाजिक आधार बढ़ा है और उसके जीतने की क्षमता काफी बढ़ी है."

कांग्रेस की आलोचना करते हुए जेटली ने कहा कि पार्टी सत्ता से दूर रहकर हताश है. उन्होंने लिखा है , "भारतीय राजनीति में एक समय महत्वपूर्ण स्थिति में रही पार्टी आज हाशिये की ओर बढ़ रही है. उसकी राजनीतिक स्थिति एक मुख्य धारा वाली पार्टी जैसी नहीं बल्कि उस तरह की है जिसे हाशिये पर खड़ा कोई संगठन अपनाता है. हाशिये पर खड़ा संगठन कभी भी सत्ता में आने की उम्मीद नहीं कर सकता."

जेटली ने कहा , "उसकी अब यह उम्मीद बची है कि वह क्षेत्रीय दलों का समर्थक बनें. राज्य स्तरीय क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने यह माना है कि हाशिये पर खड़ी कांग्रेस एक छोटी भागीदार बेहतर हो सकती है."
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