पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कर्नाटक के सियासी घटनाक्रम पर लगातार पैनी नजर बनाए रखी. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से लेकर सरकार बनाने के लिए बीएस येदियुरप्पा को राज्यपाल के न्योते, येदियुरप्पा के शपथग्रहण, उनके दो दिवसीय कार्यकाल और फिर सदन में बहुमत का आंकड़ा न जुटा पाने पर मुख्यमंत्री पद से उनके इस्तीफे तक ममता हर राजनीतिक उतार-चढ़ाव को बारीकी से देखती रहीं.
येदियुरप्पा के पद से इस्तीफे की घोषणा के कुछ मिनट बाद ही ममता बनर्जी ने ट्विटर पर अपनी भावनाओं और नजरिए को जाहिर कर दिया. ममता ने अपने ट्वीट में जो कुछ कहा उसमें 2019 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों के स्वरूप, संरचना और रणनीति की संभावित झलक नजर आती है:
ममता बनर्जी के ट्वीट में सबसे खास बात यह है कि उन्होंने अपने ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम तक नहीं लिया. ममता ने कर्नाटक के सियासी समर में विपक्ष को मिली जीत का पहला श्रेय कर्नाटक की जनता को दिया, इसके बाद उन्होंने जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा और एचडी कुमारस्वामी की सराहना की. ममता की क्रेडिट लिस्ट में कांग्रेस का नंबर चौथा था लेकिन उसमें राहुल गांधी का जिक्र तक नहीं था. दरअसल अपने दो टूक संदेश के जरिए ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया कि कर्नाटक में बीजेपी की सियासी शिकस्त कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए की वजह से नहीं बल्कि रीजनल फ्रंट (क्षेत्रीय दलों के मोर्चे) के चलते संभव हो पाई.
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