भारत व नेपाल के केंद्रीय बैंक नोटबंदी के दौरान बंद किए गए भारतीय मुद्रा नोटों को बदलने से जुड़े ‘तकनीकी मुद्दों’ पर विचार कर रहे हैं. विदेश सचिव विजय गोखले ने शनिवार को यह जानकारी दी और उम्मीद जताई कि दोनों देशों के केंद्रीय बैंक इस मुद्दे को सुलझा लेंगे.
गोखले ने काठमांडू में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, ‘‘हमारे और नेपाल के केंद्रीय बैंक इस पर विचार कर रहे हैं. हमें यह समझना होगा कि यह बहुत ही जटिल मुद्दा है और नोटबंदी के बाद काफी समय गुजर चुका है.’’
बता दें कि नोटबंदी की घोषणा नवंबर 2016 में हुई थी. तब से अब तक करीब डेढ़ साल हो चुके हैं. गौरतलब है कि नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था कि नेपाल के बैंकों और वहां की आम जनता को पुराने भारतीय नोटों को बदलने की सुविधा जल्द से जल्द प्रदान की जाए.
प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की जिसके तहत 500 व 1000 रुपये के नोटों का प्रचलन बंद कर दिया गया. नेपाली मुद्रा के साथ-साथ भारतीय मुद्रा नोटों का नेपाल में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल दैनिक लेन-देन में होता है. जिसकी वजह से लोगों के पास काफी मात्रा में भारतीय नोट हैं. नेपाल के केंद्रीय बैंक, नेपाल राष्ट्रीय बैंक के अनुसार लगभग 3.36 करोड़ भारतीय रुपये इस समय नेपाली बैंकिंग प्रणाली में हैं.
ओली ने कहा, ‘‘मैंने मोदी से नेपाली बैंकिंग प्रणाली व आम लोगों के पास पड़े पुराने (प्रचलन से बाहर) भारतीय मुद्रा नोटों को बदलने की सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.’’ मार्च में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि नेपाल को नोट बदलने की सुविधा जल्द प्राप्त होगी.
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