फर्रुखाबाद । कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष व अमेठी से सांसद राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर फतेहगढ़ छावनी में तैनात एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और लोकसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है। इसमें उन्होंने राहुल की नागरिकता के बिंदु पर पूर्व में दिए गए नोटिस का भी हवाला दिया है। बुधवार को भेजे गए नोटिस में उन्होंने 16 मई तक जवाब न मिलने पर राहुल गांधी के खिलाफ सक्षम न्यायालय में वाद दायर करते समय लोकसभा अध्यक्ष व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को भी पार्टी बनाने की चेतावनी दी है।
फतेहगढ़ छावनी स्थित सिखलाइट इनफैंट्री रेजीमेंटल सेंटर में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल मुकुल चौहान की ओर से लोकसभा अध्यक्ष व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को भेजे गए इस पत्र में अमेठी के सांसद राहुल गांधी को उनकी नागरिकता के बिंदू पर भेजे गए नोटिस को हवाले के साथ संलग्न किया गया। राहुल गांधी के नाम भेजे गए नोटिस में कहा गया था कि लोकसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार उनकी जन्मतिथि 19 जून 1970 है। जन्म के समय उनकी माता सोनिया गांधी इटली की नागरिक थीं
इटली के नागरिकता कानून के अनुसार जन्म लेते ही राहुल गांधी स्वत: इटली के नागरिक हो गए। नोटिस में राहुल गांधी से पूछा गया कि जन्म के बाद स्वयं या उनके अभिभावकों ने क्या कभी राहुल गांधी की इटली की नागरिकता का परित्याग किया, या नहीं। यदि परित्याग किया गया हो तो उसकी प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं। राहुल गांधी से नोटिस पर कोई जवाब न मिलने पर लेफ्टिनेंट कर्नल ने अब लोकसभा अध्यक्ष व चीफ आर्मी स्टाफ को नोटिस भेजा है।
लोकसभा अध्यक्ष से इस मुद्दे पर राहुल गांधी को लेकर 15 मई 2018 तक स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश देने को कहा गया है। इसमें कहा गया है कि यदि राहुल गांधी निर्धारित अवधि में जवाब न दें तो उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी जाए। ऐसा न किया गया तो वह सक्षम न्यायालय में राहुल गांधी के साथ ही उनके खिलाफ भी वाद दायर करने को स्वतंत्र होंगे।
वहीं चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को भेजे नोटिस में कहा गया है कि इटली की सरकार या इटली के दूतावास से सीधे या भारत सरकार के माध्यम से इटली के नागरिकता कानून के प्रमाणित अंग्रेजी अनुवाद की प्रति उन्हें 16 मई तक उपलब्ध कराएं। नोटिस में कहा गया है कि चूंकि एक सैन्य अधिकारी होने के नाते वह स्वयं इटली की सरकार या उनके दूतावास से सीधे संपर्क नहीं कर सकते इसलिए इस मामले में उनका सहयोग अपेक्षित है। अन्यथा वह कानून के रास्ते में बाधक मानते हुए राहुल गांधी के खिलाफ सक्षम न्यायालय में दायर किए जाने वाले मुकदमे में मजबूरन उन्हें भी पार्टी बनाना पड़ेगा।
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