नई दिल्ली, 31 मई 2018 I उपचुनाव वाले 4 लोकसभा सीटों में यूपी की कैराना, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया और पालघर के अलावा नगालैंड की एकमात्र सीट शामिल है. इनमें से तीन सीटें बीजेपी के खाते में थीं, जबकि नगालैंड सीट उसके सहयोगी दल के पास थी. ऐसे में बीजेपी के सामने अपनी सीटों को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है, क्योंकि पार्टी अगर एक भी सीट हारती है तो सीधे पीएम नरेंद्र मोदी पर सवाल उठेंगे. वहीं विपक्ष उपचुनाव जीतने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटा है.
कैराना का मुकाबला दिलचस्प
उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के चलते खाली हो गई थी. इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह और आरएलडी से विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार तबस्सुम हसन के बीच सीधी टक्कर है.
कैराना लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए गोरखपुर-फूलपुर की तर्ज पर विपक्ष आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम हसन को जिताने के लिए एकजुट है. वहीं मृगांका सिंह को जिताने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में हुकुम सिंह ने यहां करीब 3 लाख वोटों के अंतर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को हराया था.
पालघर लोकसभा सीट
महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट बीजेपी के सांसद चिंतामण वनगा के निधन से खाली हुई है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद इस सीट पर बीजेपी और शिवसेना फिर आमने-सामने हैं, जबकि पिछले चुनाव में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन ने इस सीट पर जीत हासिल की थी.
पालघर सीट पर शिवसेना ने बीजेपी के दिवंगत सांसद वणगा के बेटे श्रीनिवास वनगा को अपना उम्मीदवार बनाया. वहीं बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए राजेंद्र गावित को उतारा. कांग्रेस के दामोदर शिन्गाड़ा और बहुजन विकास अघाड़ी के बलिराम जाधव ने मुकाबला दिलचस्प बना दिया है. बलिराम जाधव 2009 में यह सीट जीत चुके हैं. एनसीपी कांग्रेस को समर्थन कर रही है.
गोंदिया-भंडारा लोकसभा सीट
महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट बीजेपी के पास थी. सांसद नाना पटोले बीजेपी और लोकसभा सदस्यता से त्यागपत्र देकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे, जिसके चलते ये सीट रिक्त हुई. यही वजह है कि यह सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है.
भंडारा-गोंदिया उपचुनाव में 18 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. मुख्य मुकाबला बीजेपी के हेमंत पटले और एनसीपी के मधुकरराव कुकड़े के बीच है. वहीं शिवसेना और कांग्रेस ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे है.
2014 के लोकसभा चुनाव में नाना पटोले को 6 लाख 6 हजार 129 वोट (50.6%) मिले थे. उन्होंने एनसीपी के दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल को करीब डेढ़ लाख वोटों से शिकस्त दी थी. अब वे कांग्रेस के साथ हैं और एनसीपी उम्मीदवार को जिताने की कोशिश में हैं.
नगालैंड लोकसभा सीट
नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोगेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के नेता नेफ्यू रियो लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर नगालैंड के मुख्यमंत्री बने हैं. इसी के चलते यह सीट खाली हुई है. नगालैंड में बीजेपी और एनडीपीपी की सहयोगी पीडीए ने इस सीट पर पूर्व मंत्री तोखेहो येपथेमी को उतारा है, जबकि एनपीएफ से सी अपोक जमीर मैदान में हैं. कांग्रेस जमीर को समर्थन कर रही है. हालांकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों खुद तो मैदान में नहीं हैं, लेकिन दोनों दल अपने-अपने सहयोगी दलों के समर्थन में खड़े हैं.
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