कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर बीएस येदियुरप्पा का तीन दिन का कार्यकाल भारतीय इतिहास में छोटे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्रियों में शामिल हो गया है. वैसे येदियुरप्पा पूरे तीन दिन तक भी मुख्यमंत्री नहीं रह पाए. येदियुरप्पा ने 17 मई को सुबह करीब 10 बजे शपथ लिया था और 19 मई शाम चार बजे उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यानी वो करीब 54 घंटे तक मुख्यमंत्री रहे.
इससे पहले 2007 में भी येदियुरप्पा को सिर्फ आठ दिन बाद ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. जगदंबिका पाल का 1998 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे छोटा कार्यकाल रहा है. कल्याण सिंह सरकार की बर्खास्तगी के बाद पाल को 21 फरवरी की देर रात को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गयी थी. अगली ही सुबह सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया और उन्हें एक दिन का मुख्यमंत्री कहा जाने लगा.
महज कुछ दिनों के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाले अन्य नेताओं में बिहार में सतीश प्रसाद सिंह हैं. उन्हें 1968 में 28 जनवरी से एक फरवरी तक महज पांच दिनों के लिए अंतरिम मुख्यमंत्री बनाया गया था. वो जनता क्रांति दल सरकार को हराकर कांग्रेस को वापस सत्ता में लाए थे.
सिंह के बाद आये बी पी मंडल भी महज 31 दिन ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रह पाये.
हरियाणा में ओम प्रकाश चौटाला 1990 में पांच दिन और 1991 में 14 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे. इसी प्रकार मेघालय में कांग्रेस नेता एस सी मराक 1998 में महज तीन दिन सत्ता में रहे.
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के संस्थापक एम जी रामचंद्रन के निधन के बाद जनवरी 1988 में उनकी विधवा जानकी रामचंद्रन का बतौर मुख्यमंत्री महज 23 दिन का कार्यकाल रहा.
केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता सी एच मोहम्मद कोया 1979 में 45 दिन ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर टिक पाये. वो राज्य के सबसे कम कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री थे.
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