नई दिल्ली/बेंगलुरु I कर्नाटक में सीएम बीएस येदियुरप्पा को महज ढाई दिन में इस्तीफा दिलवाने से उत्साहित कांग्रेस अब विपक्षी खेमे को बुलाकर शक्ति प्रदर्शन करने के मूड में है. कर्नाटक में सोमवार को जेडीएस नेता कुमारस्वामी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. वह शाम को राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलकर उन्हें विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपेंगे.
2019 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के खिलाफ गठबंधन बनाने में जुटी कांग्रेस ने इस मौके के लिए कई दलों के नेताओं को बुलाया है. कांग्रेस (78 सीटें) कर्नाटक में जेडीएस (37 सीटें) के मुकाबले करीब दोगुनी सीट लाकर भी सहयोगी की भूमिका में है.
कांग्रेस ने कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में बीएसपी प्रमुख मायावती, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, सपा नेता अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम केसीआर, आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू, डीएमके नेताओं, राजद नेताओं सहित आरएलडी नेता अजित सिंह को बुलावा भेजा है.
भले ही कर्नाटक में कांग्रेस का सीएम न हो, पर इस राज्य में बीजेपी के साथ हुई लड़ाई में वह सीएम पद पाने से कहीं बड़ा राजनीतिक संदेश देने में सफल रही है. फिलहाल कांग्रेस के सामने राज्यों में सत्ता पाने से बड़ा लक्ष्य 2019 का है. बीजेपी चाहती है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के खिलाफ गठबंधन का नेतृत्व करती हुई दिखे और इसके लिए वह राज्यों में कुर्बानी देने को भी तैयार है. इसलिए वह कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में किसी को भी नहीं छोड़ना चाहती है.
बीएस येदियुरप्पा ने 17 मई को शपथ ली थी, लेकिन पिछले 5 दिनों से चल रही लंबी कवायद और जोर-आजमाइश के बाद कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया और बीएस येदियुरप्पा ने संख्याबल जुटाने से पहले इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया.
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