आसाराम को जोधपुर की विशेष अदालत ने 2013 में नाबालिग लड़की के साथ रेप का दोषी करार देते हुए ताउम्र कैद की सज़ा सुनाई. कोर्ट के इस आदेश के बाद जहां कई लोग आसाराम की मुखर आलोचना कर रहे हैं, वहीं गुजरात के पूर्व डीजीपी डीजी वंज़ारा ने उनका बचाव किया. उन्होंने कहा कि उन्हें बलात्कारी कहा जाना उचित नहीं है.
कोर्ट का फैसला आने के बाद वंज़ारा आसाराम के अहमदाबाद आश्रम आए हुए थे. वहीं पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, 'हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और जो भी कोर्ट में सिद्ध हुआ है उसका स्वागत करते हैं, हालांकि यौन शोषण के मामले में दोषी पाए गए आसाराम को बलात्कारी कहना गलत है."
वंजारा ने अपनी बात को सही साबित करने के लिए दलील दी कि चार्जशीट में ये कहीं भी नहीं कहा गया कि पीड़िता का बलात्कार हुआ था. उन्होंने कहा "पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर और चार्जशीट में भी यह कहीं नहीं कहा गया कि पीड़िता का बलात्कार किया गया. आसाराम को बलात्कार के लिए सज़ा नहीं दी गई है. जब पीड़िता की मेडिकल जांच कराई गई तो पाया गया कि उसका कौमार्य भंग नहीं हुआ था. इसलिए यह रेप का मामला नहीं है."
वंज़ारा ने कहा "पीड़िता का बयान था कि उसे बापू ने गलत तरीके से छुआ जो कि एक अपराध है. लेकिन मुझे संदेह है कि आसारामजी ने ऐसा किया होगा. उन्हें इस मामले में सज़ा जरूर दी गई है, लेकिन किसी भी कोर्ट का फैसला अंतिम नहीं होता. हम इस फैसले को स्वीकार करते हैं, लेकिन इस फैसले के खिलाफ हम ऊपर के कोर्ट में जाएंगे हमें विश्वास है कि वहां से हमें न्याय ज़रूर मिलेगा." उन्होंने कहा कि आसाराम के खिलाफ ये मामला एक साज़िश है क्योंकि आसाराम बापू सनातन हिंदू धर्म के संरक्षक रहे हैं.
बता दें कि पीड़िता ने जो शिकायत दर्ज कराई थी उसके अनुसार 15-16 अगस्त 2013 की दरम्यानी रात को उसके साथ करीब 1 घंटे तक रेप किया गया. वो आसाराम बापू के मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम की 12वीं कक्षा की छात्रा थी. उसने अपने मां बाप को इसकी जानकारी दी, जिन्होंने नई दिल्ली के कमला नगर थाने में 20 अगस्त को ज़ीरो एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार करके 1 सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया. 2 सितंबर 2013 से वो न्यायिक हिरासत में हैं.
बुधवार को आसाराम को आईपीसी की धारा 376, पोक्सो और किशोर न्याय अधिनियम के तहत दोषी पाया गया. उनके अलावा दो अन्य दोषियों को भी मामले में सज़ा दी गई है.
कोर्ट ने आसाराम के आश्रम की वार्डेन शिल्पी और शरद को भी दोषी पाया है, जबकि शिवा और प्रकाश को बरी कर दिया गया है. आसाराम के ऊपर गुजरात में यौन शोषण का एक और मामला चल रहा है. वंज़ारा खुद भी न्यायेतर (Extra-judicial) हत्या के लिए 9 साल जेल की सज़ा काट चुके हैं
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