सीनियर ब्रिटिश डिप्लोमेट को अपनी गलत बयान के लिए मंगलवार को माफी मांगनी पड़ी. दरअसल ब्रिटिश डिप्लोमेट ने अपने एक ट्वीट में सिख समुदाय के धर्मस्थल स्वर्ण मंदिर को 'मस्जिद' कह दिया था, जिसके लिए उन्हें माफी मांगने पर मजबूर होना पड़ा.
कॉमनवेल्थ ऑफिस के पर्मानेंट अंडर सेक्रेटरी के तौर पर कार्यरत सिमॉन मेक्डॉनल्ड ने सोमवार को स्वर्ण मंदिर को 'स्वर्ण मस्जिद' बताते हुए ट्वीट किया था. अपनी गलती का एहसास होते ही मंगलवार को द्वीट कर माफी मांगी और कहा, "मैं गलत था, मैं माफी चाहता हूं, बेशक, मुझे स्वर्ण मंदिर या श्री हरमंदिर साहब कहना चाहिए."
सिख फेडरेशन के चेयरमेन भाई अमरीक सिंह ने कहा, "एक बड़े सिविल सर्वेंट की ओर से ये बहुत बड़ी भूल थी, जिसे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है." इतने प्रतिष्ठित पद पर होने के बावजूद ये बयान उनकी लापरवाही को दर्शाता है.
ये बयान इसीलिए और भी संवेदनशील हो जाता हैं क्योंकि स्वर्ण मंदिर में हुए भारतीय सेना के 1984 सिख दंगों में ब्रिटिशों के शामिल होने का संदेह रहा है. स्वर्ण मंदिर पर भारतीय सेना के हमले में लगभग 400 लोग मारे गए थे. ये हमला सिखों के खालिस्तान की मांग को दबाने के लिए किया गया था.
लेबर लीडर जेरमी कॉरबेन ने लेबर पार्टी की सरकार बनने पर, 1984 भारतीय सिख दंगों में ब्रिटिश सेना के मिलीभगत की स्वतंत्र जांच कराने की घोषणा की है. उन्होंने वादा किया कि पार्टी के अगले मेनिफेस्टो में सिख दंगों, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे की जांच को प्रमुखता से रखा जाएगा.
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