नई दिल्ली । भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) के खिलाफ कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों की ओर से लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने का भाजपा ने स्वागत किया है। उसका कहना है कि कांग्रेस ने राजनीति से प्रेरित होकर यह प्रस्ताव लाया था। वह संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश रच रही है।
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि देश में आपातकाल लगाकर प्रेस, अदालत और संसद तक की स्वतंत्रता को छीनने और फिर उसे सही साबित करने वाली कांग्रेस अब संविधान बचाओ मुहिम के नाम पर देशवासियों को गुमराह कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मनमुताबिक चीजें न होने पर वह हर काम में बाधा डालती है। संसद न चलने देना, सरकार के बिल पास न होने देना, चुनाव में हारने पर ईवीएम पर सवाल उठाना और जीतने पर ईवीएम के खिलाफ चुप्पी साधना और अब अदालतों पर हमला करना इसका उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा के चेयरमैन और उपराष्ट्रपति ने इस मामले में कानून विशेषज्ञों, पूर्व सेक्रेटरी जनरल, संविधान विशेषज्ञों, लॉ कमीशन के सदस्यों व न्यायपालिका से जुड़े विभिन्न लोगों से राय करने के बाद ही यह फैसला किया है।
इस मामले पर भी काग्रेस उसी सुप्रीम कोर्ट में जाएगी, जिसके जजों पर उन्होंने अविश्वास व्यक्त किया है। ऐसा करके वह संवैधानिक संकट पैदा करना चाहती है। पूर्व मंत्री व वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल मुख्य न्यायधीश की अदालत में उपस्थित नहीं होने की बात करके न्यायालय की अवमानना कर रहे हैं।
कांग्रेस चेयरमैन के निर्णयों पर भी आपत्ति कर रही है। इस तरह से उसे किसी भी संवैधानिक संस्था पर विश्वास नहीं रहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 सालों में जो विकास के काम किए, उनकी विकास यात्रा को रोकने के लिए इस तरह की ओछी राजनीति की जा रही है।
देश में अफरातफरी का माहौल बना यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि केंद्र सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि कांग्रेस व आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल हताश हैं, इसलिए वह न्यायिक व्यवस्था और अर्थव्यवस्था को लेकर देश में अवसाद का वातावरण पैदा करना चाहती हैं।
आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने आम नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया था। उस समय कांग्रेस ने इलाहाबाद हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिकारों एवं निर्णयों पर भी आघात किया था। एक बार फिर से वह न्यायिक व्यवस्था पर आघात करने का प्रयास कर रही है। कपिल सिब्बल ने सिर्फ सोनिया गाधी एवं राहुल गाधी को प्रसन्न करने के लिए मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का प्रयास किया।
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