नई दिल्ली I देश को हिला देने वाला कठुआ गैंगरेप और मर्डर केस अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. पीड़ित परिवार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है कि इस केस की सुनवाई जम्मू-कश्मीर से बाहर हो. इस पर कोर्ट दो बजे सुनवाई करेगा. वहीं इस मामले को लेकर आज सीजेएम कोर्ट में भी सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट ने अब 28 अप्रैल की तारीख दी है.
याचिका में कहा गया है कि इस केस को चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया जाए क्योंकि जम्मू में इसका ठीक से ट्रायल नहीं हो पाएगा. इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि जबतक केस राज्य से बाहर ट्रांसफर ना हो, तबतक इसकी जांच आगे ना बढ़े. याचिका में कहा गया है कि नेताओं को नाबालिग आरोपी से मिलने से रोका जाए. साथ ही जांच की प्रगति रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाए.
इस बीच आरोपियों को मिल रहे समर्थन से पीड़ित परिवार खौफजदा है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा है कि जांच में दोषी साबित होने पर वकीलों के लाइसेंस रद्द होंगे. बार काउंसिल ने जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम बनाई है. साथ ही वकीलों से अपनी हड़ताल खत्म करने को कहा गया है. इसी बीच पीड़िता की वकील दीपिका सिंह राजावत ने अपने साथ रेप या हत्या कराए जाने की आशंका जताई है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर से बाहर केस ट्रांसफर करने की मांग की है.
आठ हैं आरोपी
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची से गैंगरेप और हत्या के मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ सुनवाई की जाएगी, जिन पर एक बच्ची को जनवरी महीने में एक सप्ताह तक एक मंदिर में बंधक बनाकर रखने और उसका गैंगरेप कर हत्या करने का आरोप है. आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है जिसके खिलाफ एक अलग चार्जशीट दाखिल की गई है.
अधिकारियों ने बताया है कि कठुआ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एक चार्जशीट सुनवाई के लिए सत्र अदालत भेजेंगे, जिसमें सात आरोपी नामजद हैं. जबकि नाबालिग आरोपी के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनवाई करेंगे. जम्मू कश्मीर सरकार ने इस संवेदनशील मामले में सुनवाई के लिए दो विशेष वकीलों की नियुक्ति की है. ये दोनों ही सिख हैं.
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