कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए दलित नेता के. राजू को 84 सुरक्षित सीटों पर अभी से काम करने को कहा. साथ ही उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के चयन पर भी नज़र रखी जाए. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की विरासत पर दावा करेंगे और साथ ही ये भी बतायेंगे की कांग्रेस की मदद से बाबा साहेब को लोकसभा और समाज में जगह मिली थी.

उन्होने कहा कि जगजीवन राम को भी अनदेखा नहीं किया जाएगा, उन्हें भी हम याद करेंगे. ऐसे में पिछले संसद सत्र में सोनिया और राहुल ने संसद में बाबू जगजीवन राम की प्रतिमा पर फूल चढ़ाया था.

राहुल ने कहा कि मीरा कुमार, शिंदे पीएल पुनिया और नितिन राउत जैसे दलित नेताओं को प्रीफ्रेंस दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंरेगा के साथ साथ उन तमाम योजनाओं की याद दलित को दिलाई जाएगी जिनका फायदा समाज के निचले तबके को हुआ था जोकि अब नहीं हो रहा है.

पार्टी के दलित कार्यकर्ता संविधान निर्माता बाबासाहेब के नाम पर एक कैंपेन चलाएंगे जिसके तहत सेमिनार, नुक्कड़ नाटक और घर घर जाकर दलित चेतना जगाने का काम किया जाएगा.


सुप्रीम कोर्ट के एससी/एसटी एक्ट में जो बदलाव किया गया है, पार्टी उन्हें 2019 तक जिंदा रखना चाहती है. वहीं राहुल ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत के आरक्षण विरोधी बयान को आधार बनाकर केंद्र सरकार को दलित विरोधी बताया.

बता दें कि राहुल गांधी, दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 23 अप्रैल को दलित कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे. साथ ही 29 अप्रैल को दिल्ली के ही रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली करेंगे. जिसमें वे दलितों के खिलाफ तथाकथित रूप से बढ़ रहे अत्याचार का मुद्दा उठाएंगे. राहुल ने बताया कि जयराम नरेश के 'नरेन्द्र मोदी, दलित विरोधी' नारे को भी धार दी जाएगी.

वहीं दलित नेता के. राजू का प्रमोशन करते हुए राहुल गांधी ने अपने कार्यालय का कार्यभार सौंप दिया है.

संगठन में पदों पर 50 फीसदी सीटें दलित, पिछड़े, महिला अल्पसंख्यक से भरे जाने के कड़े निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में राहुल गांधी दलित हिंसा के मुद्दे पर राजघाट पर उपवास कर चुके हैं. गौरतलब है कि दलितों और आदिवासियों तक पहुंचने के लिए राहुल गांधी ने आदिवासी प्रकोष्ठ को फिर से जिन्दा कर दिया है.
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