महाराष्ट्र सरकार को लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर नरमी दिखाने पर हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि सरकार इस तरह लोगों को ध्वनि प्रदूषण झेलने पर मजबूर नहीं कर सकती. गणेश पंडालों में लाउड स्पीकर बजाने को लेकर लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए सरकार सुबह 6 बजे से रात 12 तक परमिशन देने पर विचार कर रही है.
लेकिन कोर्ट ने सरकार को लाउड स्पीकर के मामले में लताड़ लगा दी है. गणेश पंडालों में लाउड स्पीकर बजाने से लेकर साइलेंस जोन के मुद्दे पर सरकार पंडालों के दबाव में है. इस मामले में सारा मामला कोर्ट में है. कोर्ट ने सरकार को जल्दीबाजी ना करने को कहा है. लेकिन सरकार चाहती है कि इस मुद्दे को गणपति उत्सव शुरु होने से पहले हल कर लिया जाए.
अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या सरकार लोगों को हवा में रखना चाहती है. अदालत में सरकार ने दोहराया कि साइलेंस जोन तय करने का अधिकार सरकार का है किसी और का नहीं. तब अदालत ने कहा कि अगर आपने अब तक ये तय कर लिया होता तो ये नौबत नहीं आती. हर जगह पर लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत देना तो आम लोगों को ध्वनि प्रदूषण के बीच छोड़ देना होगा. इसे रोकना ही होगा.
अदालत ने सरकार को नये तरीके से साइलेंस जोन तय करने को कहा है लेकिन सरकार ने अब तक ये तय नही किए. सरकार जब तक साइलेंस जोन तय नहीं करती तब तक पुराने नियम के हिसाब ही ऐसे जोन रहेंगे. रात दस बजे तक ही लाउडस्पीकर बजाने की इजाजत होगी.
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